कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »इस आयोजन में कई परंपराएं टूटी हैं
हमारे प्रिय लेखक असगर वजाहत ने पटना लिटरेचर फेस्टिवल के बहाने साहित्य और सत्ता के संबंधों को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. आप भी देखिये- जानकी पुल. =========================================== पिछले महीने बाईस से चौबीस मार्च तक चले पटना साहित्य समारोह के संबंध में रपटें और समाचार प्रकाशित हो चुके हैं …
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