कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »फेसबुक पर विद्वानों के अपने-अपने अज्ञेय
· बात शुरु हुई थी अनिल यादव के इंटरव्यू में आए अज्ञेय के इस सन्दर्भ से– मुझे लगता है कि हिंदी के पास अज्ञेय के रूप में एक अपना रवींद्रनाथ टैगोर था. हमने उसे नहीं पहचाना और खो दिया- देखते-देखते यह फेसबुक पर अज्ञेय को लेकर एक गंभीर …
Read More »