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यह साल तू जा… और ना आना लौट कर…

यह साल बीत रहा है है लेकिन याद रहेगा. देव आनंद, शम्मी कपूर, श्रीलाल शुक्ल, अदम गोंडवी, भूपेन हजारिका, जगजीत सिंह, सत्यदेव दुबे सहित साहित्य-कला-सिनेमा की कितनी विभूतियों को हमने इस साल खो दिया. बड़ी आत्मीयता और शिद्दत से कुछ विभूतियों को याद करते हुए इस साल का मर्सिया लिखा …

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लेखक की खामोशी का कोई ठोस मतलब होना चाहिए

पेरू के लेखक मारियो वर्गास योसा इस समय दुनिया के सबसे महान जीवित लेखकों में गिने जाते हैं. उन्होंने पत्र-शैली में उपन्यासों पर एक पुस्तक लिखी थी- ‘the letters to a young novelist’. उसके कुछ अंशों का युवा लेखक श्रीकांत दुबे ने मूल स्पैनिश से से अनुवाद किया है. यहां …

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समुद्र का जहाँ मिलन होता है चांद में घुली धरती से

नीता गुप्ता यात्रा बुक्स की प्रकाशक ही नहीं हैं बेहद संवेदनशील लेखिका भी हैं. इस यात्रा संस्मरण को ही देखिये. बिना अधिक वर्णनात्मकता के कितनी सहजता से वे हमें अपनी यात्रा में शामिल कर लेती हैं. कुछ यात्राएं मन की भी होती हैं. डोवर से कैले तक की यात्रा भी …

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