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चीनी फिल्म ‘रेज द रेड लैंटर्न’ और स्त्रीत्व से जुड़े सवाल

चीनी फिल्म ‘रेज द रेड लैंटर्न’ पर सुश्री श्री श्री का बहुत अच्छा लेख. 1991 की यह फिल्म चीनी समाज की एक पुरानी प्रथा के ऊपर है जिसमें स्त्री सत्ता, स्त्री अधिकारों से सवाल छिपे हुए हैं- मॉडरेटर ====================================== चमत्कृत वैभव में शोकगीत गाता विनाश का प्रारब्ध जिसके तमस में रोशनी …

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सुषम बेदी के उपन्यास ‘पानी केरा बुदबुदा’ का अंश

हिंदी के डायस्पोरा लेखकों में सुषम बेदी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोलंबिया में पढ़ाने वाली सुषम जी करीब आधा दर्जन उपन्यास लिख चुकी हैं. अमेरिका में रहने वाले दक्षिण एशियाई लोगों के जीवन को उन्होंने अपनी रचनाओं में बहुत बारीकी से उकेरा है. …

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हृदय दुनिया की सबसे कठोर वस्तु भी हो सकता है

यूँ तो हिंदी में ‘बनारस’ पर कई कविताएँ लिखी जा चुकी हैं। फिर भी, हर नया कवि उस शहर की ओर आकर्षित होता है। हर एक आँख उस शहर को अपनी नज़र से देखती है। हर एक दिल उस शहर को अलग तरह से महसूस करता है। अपना अनुभव बयान …

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