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‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’ और होली का त्यौहार

पिछले दिनों वाणी प्रकाशन से एक किताब आई ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’. नीलिमा चौहान की इस किताब ने जैसे हिंदी साहित्य की तथाकथित मर्यादा की परम्परा से होली ही खेल दी, स्त्रीवादी लेखन को उसकी सर्वोच्च ऊंचाई पर ले जाने वाली इस किताब में दो प्रसंग होली से भी जुड़े …

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फणीश्वरनाथ रेणु की कविता ‘साजन! होली आई है!’

यूपी चुनाव में जनता ने ऐसी होली खेली है कि किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है. होली के इस माहौल में फणीश्वरनाथ रेणु की यह कविता याद आ गई- =============== साजन! होली आई है! सुख से हँसना जी भर गाना मस्ती से मन को बहलाना पर्व हो …

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चुनाव के बाद इवीएम मशीनों के ऊपर सवाल क्यों उठते हैं?

आज यूपी विधानसभा चुनावों के बाद मायावती ने इवीएम मशीनों के ऊपर सवाल उठाया है. इवीएम मशीनों के ऊपर पहली बार सवाल नहीं उठाया गया है. 2009 में लोकसभा चुनावों में हार के बाद भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी वोटिंग मशीनों के ऊपर सवाल उठाये थे. भाजपा के सेफोलोजिस्ट …

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