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देशभक्ति सबसे बड़ी भक्ति होती जा रही है!

बंद कमरों की सुविधा से बाहर निकलने पर बार-बार इस बात का अनुभव होता है कि हवाओं में देशभक्ति का रंग घुलता जा रहा है. खासकर जो युवा आबादी है वह देशप्रेम को सबसे बड़ा प्रेम मानने लगी है. मुझे उन उपन्यासों की याद आती है जो स्वतंत्रता संघर्ष की …

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फागुन में यतीन्द्र मिश्र की कविता ‘फाग बंधाओ’

यतीन्द्र मिश्र इन दिनों ‘लता सुरगाथा’ पुस्तक लिखने के बाद अपने लेखन का बसंत जी रहे हैं. लेकिन वे मूलतः कवि हैं. आज फागुन के इस मौसम में मुझे उनकी कविता ‘फाग बंधाओ’ की याद आई. आज के सन्दर्भ में बहुत माकूल कविता-  कविता का प्रसंग यह है कि हज़रत …

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धर्मवीर हमारे दौर में कबीर की तरह जिए

धर्मवीर नहीं रहे. सन 2000 के आसपास उनकी पुस्तक ‘कबीर के आलोचक’ ने हिंदी आलोचना को सर के बल खड़ा कर दिया था. भक्तिकाल की जो ब्राह्मणवादी व्याख्याएँ की गई हैं उनके ऊपर वे बहुत तार्किक तरीके से प्रश्न खड़े करते हैं. अगर वे और पुस्तकें न भी लिखते तो …

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