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कलाकारों के आरोप- प्रत्यारोप और सरकार के आश्वासन

हाल में ही संपन्न हुए पटना फिल्म फेस्टिवल पर सुशील कुमार भारद्वाज की रपट- मॉडरेटर  ===================================================== बिहार में वर्ष 2016 की शुरूआत फिल्मों के नजरिए से अच्छी मानी जा सकती है. एक महीने के भीतर राजधानी पटना में तीन फिल्म फेस्टिवल आयोजित किए गए और तीनों ही अपने अपने कारणों …

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प्रेम में रूपांतरण की कथा है जाहनू बोरुआ की फिल्म ‘पोखी

असमिया फिल्म के प्रख्यात निर्देशक जाह्नू बोरुआ की  फिल्म ‘पोखी’ पर सैयद एस. तौहीद का लेख- मॉडरेटर  ===================================================================== वास्तविक शिक्षा स्वयं को अनेक रूपों में अभिव्यक्त करती है.इस संदर्भ में असमिया फिल्मकार जाहनू बरुआ की ‘पोखी’  रेफरेन्स पॉइंट की तरह देखी जा सकती है. पोखी वो यतीम सिन्ड्रेला की कहानी …

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बली सिंह की कविताएं

बली सिंह को हम लोग एक संघर्षशील, ईमानदार और जुझारू जनवादी कार्यकर्ता के रूप में जानते हैं. कम लोग जानते हैं कि वे बेहद संवेदनशील कवि हैं. कॉलेज के दिनों में उनकी एक कविता मुझे बहुत पसंद थी- घर न हुआ कुआँ हो गया… अभी हाल में ही उनक एक …

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