Recent Posts

महादेवी वर्मा के शब्द और चित्र

महादेवी वर्मा की काव्य-पुस्तक ‘दीपशिखा’ १९४२ में छपी थी. उसका ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इसकी कविताएँ महादेवी जी की हस्तलिपि में है और हर पृष्ठ, हर कविता के साथ उनके बनाए रेखाचित्र हैं. उसके कुछ पृष्ठ हमें कवयित्री आर. अनुराधा ने भेजे हैं अपनी एक संक्षिप्त भूमिका के साथ. आपके …

Read More »

निलय उपाध्याय और मुंबई की लोकल

निलय उपाध्याय ठेठ हिंदी के कवि हैं. उनकी कविताओं में वह जीवन्तता है जिससे पता चलता है कि वे जीवन के कितने करीब धडकती हैं. मुंबई की लोकल को लेकर उन्होंने एक कविता श्रृंखला लिखी है, उसकी कुछ कवितायें आपके लिए- जानकी पुल. =======================  लोकल के डब्बे में हिरोईन  लोकल …

Read More »

यह उम्मीद है जो हमें बचाए रखती है

प्रियदर्शन मूलतः कवि हैं और हाल के दिनों में कविता में जितने प्रयोग उन्होंने किए हैं शायद ही किसी समकालीन कवि ने किए हों. प्रचार-प्रसार से दूर रहने वाले इस कवि की कुछ नई कविताएँ मनोभावों को लेकर हैं. आपके लिए- जानकी पुल. ======================================= कुछ मनोभाव प्रेम और घृणा प्रेम …

Read More »