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‘पैन इंडियन राइटर’ थे अरुण प्रकाश

अरुण प्रकाश नहीं रहे. लंबी बीमारी के बाद का दोपहर उनका देहांत हो गया. उनको याद कर रहे हैं प्रेमचंद गाँधी– जानकी पुल. ——————————– परंपरा और आधुनिकता के संगम के अपूर्व शिल्‍पी, संवेदना से लबरेज और भारतीय समाज की गहरी जातीय चेतना के विशिष्‍ट चितेरे अरुण प्रकाश का हमारे बीच …

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क्या ब्लॉग-वेबसाईट पर कॉपीराइट का कानून लागू नहीं होता?

नीलाभ का यह लेख कुछ गंभीर सवालों की तरफ हमारा ध्यान दिलाता है. हाल में ही भारत के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने लेखकों की रचनाएँ अपनी वेबसाईट पर डालनी शुरु की हैं. नीलाभ ने अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बताया है कि इस क्रम में पारिश्रमिक की कहीं कोई …

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आजकल सच और सपने में कोई फर्क ही नहीं लगता!

वंदना शुक्ल की कविताएँ बिना किसी भूमिका के. ये कविताएँ खुद अपनी भूमिका हैं और परिचय भी. गहरी संवेदना की वेदना, जीवन का निचोड़, पढ़ा तो सोचा आपसे भी साझा करूँ- जानकी पुल.  ========================================================= प्रायश्चित जैसा जीना चाहती थी जी नहीं पाई, मै जीने की तैयारी ही करती रही, और …

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