Recent Posts

मेरी क़िस्मत में मुहब्बत के सिवा सबकुछ है

रात की बारिश के बाद सुबह सुबह रूहानी ग़ज़लें पढने को मिल जाएँ तो इससे बड़ी नेअमत और क्या हो सकती है. त्रिपुरारि कुमार शर्मा की ग़ज़लें मैं तबसे पढता रहा हूँ जब वे चिराग के तखल्लुस से लिखा करते थे. लेकिन इन गज़लों को पढ़कर लगा कि चिराग नामक …

Read More »

दिव्या विजय की कहानी ‘परवर्ट’

मेरे जीमेल अकाउंट में अनजान पतों से अच्छी अच्छी कविताएं ही नहीं कई बार सुन्दर कहानियां भी आती हैं. आज दिव्या विजय की कहानी. दिव्या बायोटेक्नोलोजी से स्नातक हैं, मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद बैंकॉक में रहती हैं. उनकी यह कहानी अच्छी है या बुरी यह तो आप पढ़कर …

Read More »

बिंदु जिसमें संभावनाएं थी लकीर बनने की

मेरे जीमेल अकाउंट में कई बार अनजान पतों से अच्छी अच्छी रचनाएँ आ जाती हैं. ऐसे ही एक कवि नीरज पांडे की कविताओं से परिचय हुआ. दिल्ली विश्वविद्याल के पूर्व छात्र नीरज आजकल मुंबई में स्क्रीनप्ले लेखन करते हैं लेकिन क्या कवितायेँ लिखते हैं. प्रेम की गहरी तड़प से भरपूर इन …

Read More »