कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »कोई हो जा सकता है अंधा, लंगड़ा, बहरा, बेघर या पागल…
युवा कवि-लेखक हरेप्रकाश उपाध्याय को अपने उपन्यास ‘बखेड़ापुर’ के लिए भारतीय ज्ञानपीठ का लखटकिया नवलेखन पुरस्कार मिला है। उपन्यास में बिहार के सामाजिक ताने बाने के बिखरने की बड़ी जीवंत कहानी कही गई। हरेप्रकाश को जानकी पुल की तरफ से बधाई देते हुए उनके उपन्यास का एक रोचक अंश पढ़ते …
Read More »