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अपने साहस से डिग मत जाना गौरव सोलंकी

आज मैंने तहलका.कॉम पर युवा लेखक गौरव सोलंकी का ‘पत्र’ पढ़ा. पढकर दिन भर सोचता रहा कि आखिर हिंदी के एक बड़े प्रकाशक ने, जिसने पिछले ७-८ सालों से हिंदी की युवा प्रतिभाओं को सामने लाने का प्रशंसनीय अभियान चला रखा है, युवा लेखकों की पहली पुस्तकों को न केवल …

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मैं अफ़साना क्यों कर लिखता हूँ- मंटो

आज सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी है. आज उनका यह लेख पढते हैं- जानकी पुल. ————————————————————————————————————— मुझसे कहा गया है कि मैं यह बताऊँ कि मैं अफ़साना क्यों कर लिखता हूँ? यह ‘क्यों कर‘ मेरी समझ में नहीं आया। ‘क्यों कर‘ का अर्थ शब्दकोश में तो यह मिलता है – …

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मण्टो की तलाश लुप्त होती इन्सानियत की तलाश है

कल सआदत हसन मंटो की सौवीं जयंती है. उर्दू के एक ऐसे कथाकार की जिसने कहानियों का मिजाज बदलकर रख दिया. उनकी कहानियों पर बहुत गंभीर विश्लेषणपरक लेख लिखा है प्रसिद्ध  कवि-अनुवादक नीलाभ ने. आपसे साझा कर रहा हूं- जानकी पुल.  ———————————————————————– ‘एक ख़त’ से ले कर ‘दो गड्ढे’ तक …

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