कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »मुक्तिबोध अचानक क्यों लोकप्रिय हो उठे?
आज हिंदी के युगांतकारी कवि मुक्तिबोध की 50 वीं पुण्यतिथि है. आज उनको याद करते हुए प्रसिद्ध आलोचक, राजनीतिक विश्लेषक, ‘आलोचना‘ पत्रिका के संपादक प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने ‘जनसत्ता‘ और ‘इन्डियन एक्सप्रेस‘ में दो बहुत अच्छे लेख लिखे हैं, मुक्तिबोध की कविता, उनके विचारों और उनकी प्रासंगिकता को लेकर उन्होंने कुछ बहसतलब …
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