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मुक्तिबोध अचानक क्यों लोकप्रिय हो उठे?

आज हिंदी के युगांतकारी कवि मुक्तिबोध की 50 वीं पुण्यतिथि है. आज उनको याद करते हुए प्रसिद्ध आलोचक, राजनीतिक विश्लेषक, ‘आलोचना‘ पत्रिका के संपादक प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने ‘जनसत्ता‘ और ‘इन्डियन एक्सप्रेस‘ में दो बहुत अच्छे लेख लिखे हैं, मुक्तिबोध की कविता, उनके विचारों और उनकी प्रासंगिकता को लेकर उन्होंने कुछ बहसतलब …

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नीलाभ की कुछ नई कविताएं

नीलाभ को हम हिंदी वाले कई रूपों में जानते हैं, लेकिन उनका स्थायी भाव कविता ही है. बहुत दिनों बाद मन भर कविताएं पढ़ी नीलाभ की, जिनमें से चुनिन्दा आपसे साझा कर रहा हूँ. आनंद लीजिये- प्रभात रंजन  ================ ण्त्थितिहुयणि जंच णहुदिट्ठु तुम्हेहिंवि जंन सुअविअडबन्धु सुच्छन्दुसरसउ णिसुणेविणुको रहइललियहीणु मुक्खाहफरसउ तोदिग्गिच्चिय …

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ख्वाजा अहमद अब्बास की कहानी हिंदी अनुवाद में

लेखक, पत्रकार, फिल्म लेखक, निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास की यह जन्मशताब्दी का साल है. इस मौके पर आज प्रस्तुत है उनकी एक कहानी ‘Red and Yellow’ का हिंदी अनुवाद. अनुवाद किया है सैयद एस. तौहीद ने- मॉडरेटर. ====== कमरे की चारों दीवार पर तस्वीरें टंगी हुई थी। कृष्ण गोपियों के संग …

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