युवा कवि विमलेश त्रिपाठी अपनी जीवन यात्रा को दर्ज कर रहे हैं। गाँव के छूटे …
Read More »मई महीने से तरक्की की चिड़िया ने पंख फड़फड़ाए
सदफ नाज़ फिर हाज़िर हैं. समकालीन राजनीतिक हालात पर इतना गहरा व्यंग्य शायद ही कोई लिखता हो. आम तौर पर लेखिकाओं के बारे में यह माना जाता है कि उनको राजनीति की समझ जरा कम होती है, तो मेरा कहना है कि उनको सदफ नाज़ के व्यंग्य पढने चाहिए- प्रभात …
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