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पूर्वांशी की आठ कविताएँ

आज पढ़िए पूर्वांशी  की कुछ कविताएँ। पूर्वांशी दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में प्रथम वर्ष की विद्यार्थी हैं और देखिए कितनी अच्छी कविताएँ लिखती हैं। इससे पहले इनकी कविताएँ ‘सदानीरा’ पर प्रकाशित भी हो चुकी हैं- ========================   1 घर इसे भरना था जब तो क्यों ख़ाली पड़ गया है …

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भालचन्द्र नेमाड़े के उपन्यास ‘झूल’ का एक अंश

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी लेखक भालचन्द्र नेमाड़े के चांगदेव चतुष्ट्य (बिढार, हूल, जरीला, झूल) में से एक उपन्यास ‘झूल’ का एक अंश पढ़िए। उपन्यास राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- =================== पुराणिक कॉलेज का सबसे बड़ा संकट यानी माठूराम-मुरलीमोहन-ठोसर द्वारा ली जानेवाली स्टाफ़ मीटिंगें अब नियमित शुरू हो गई थीं। …

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शहर  में  इक  शोर  है और कोई  सदा नहीं

  आज महान शायर जौन एलिया की जयंती है। इस मौक़े पर पढ़िए यह पेशकश, प्रस्तुति है शायर सुहैब अहमद फ़ारूक़ी की- ============================ कोई नहीं  यहाँ ख़मोश, कोई पुकारता नहीं शह्र  में  इक  शोर  है और कोई  सदा नहीं नाम ही  नाम  चार  सू,  इक  हुजूम  रूबरू कोई तो हो …

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