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शब्दों के बीच दालचीनी की ख़ुशबू बिखरी है!

आज पढ़िए चर्चित युवा कवयित्री अनामिका अनु के कविता संग्रह ‘इंजीकरी’ पर यतीश कुमार की यह टिप्पणी। और हां, इस बार अर्से बाद उन्होंने पद्य में नहीं गद्य में लिखा है- =================== कुछ रचनाएँ ऐसी होती हैं जो विषय विविधता के साथ शब्दों की कोमलता व अर्थ का विराट और …

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‘जौन एलिया का जिन’ नाटक की समीक्षा

हाल में ही इरशाद खान सिकंदर का नाटक आया है ‘जौन एलिया का जिन’। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस नाटक की विस्तृत समीक्षा लिखी है राजशेखर त्रिपाठी ने। आप भी पढ़िए- ========================== मैं जो हूं जॉन एलिया हूं जनाब इसका बेहद लिहाज़ कीजिएगा …………………………………….. मुझसे मिलने को आप आए …

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पीटी ऊषा उर्फ मैडम बहुत सख्त हैं!

यौन शोषण के विरुद्ध जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों के संदर्भ में पीटी उषा के बयान के बहाने यह गम्भीर टिप्पणी लेखिका योगिता यादव ने की है। आप भी पढ़ सकते हैं- ===================== सब स्त्रियां एक सी नहीं होतीं, पुरुष भी सब एक से नहीं होते। इसके …

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