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‘पापा, डायवोर्स क्या होता है?’

यह मेरी नई लिखी जा रही किताब का एक अंश है. पढ़कर राय दीजियेगा- प्रभात रंजन  ============================================================ डायवोर्स ‘पापा, डायवोर्स क्या होता है?’ किसने बताया? मम्मा ने?’ ‘हाँ, लेकिन क्या होता है?’ ‘जब दो लोग साथ नहीं रहते हैं!’ ‘डायवोर्स क्या इंसानों में ही होता है?’ ‘हूँ…’ ‘जैसे रात आने …

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बीवी हूं जी, हॉर्नी हसीना नहीं

  सुपरिचित लेखिका नीलिमा चौहान आजकल ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’ लिख रही हैं. एक नए तरह का गद्य, देखने का अलग नजरिया. आज अगली क़िस्त पढ़िए- मॉडरेटर  ====================================================   बीवी हूँ जी, हॉर्नी हसीना नहीं हम लाचार बीवियों के लिए रसोई से बिस्तर तक का सफर बहुत लम्बा होता है । …

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‘हिंदी महोत्सव’ ने कई मिथ तोड़े हैं

पिछले रविवार की बात है. आज सुबह सुबह याद आ रही है. ‘वाणी फाउंडेशन’ और ऑक्सफोर्ड बुक स्टोर ने पिछले रविवार 6 मार्च को ‘हिंदी महोत्सव’ का आयोजन किया था, जो कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. अब तक हिंदी के लिए इस तरह के विशिष्ट आयोजन दिल्ली में अकादमियों, कॉलेजों, …

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