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आशीष नंदी: ग़फलत-में-सुकून का उल्लास

  आशीष नंदी की पुस्तक ‘The Savage Freud’ की आशीष लाहिड़ीद्वारा की गई समीक्षा का बहुत सुन्दर अनुवाद जाने माने कवि, सामाजिक कार्यकर्ता लाल्टू जी ने किया है. बहुत प्रासंगिक, तर्कपूर्ण लेख है- मॉडरेटर  ===================================================================== आशीष लाहिड़ी की बांग्ला निबंधों की किताब ‘भद्रलोकि जुक्तिबादेर दक्षिणावर्त (भद्रलोक तर्कशीलता का दक्षिण को मुड़ना)‘ …

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इसमें सिनेमा और साहित्य दोनों का मजा है!

अपने लेखन में राजस्थान की मिटटी की खुशबू लिए लेखक रामकुमार सिंह की एक कहानी पर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने बड़ी शानदार फिल्म बनाई ‘जेड प्लस‘. बाद में ‘जेड प्लस’ उपन्यास के रूप में छप कर आया. दोनों के अनुभवों से गुजरते हुए आशुतोष कुमार सिंह ने यह लेख लिखा है, …

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मंजरी श्रीवास्तव की नई कविताएं

मंजरी श्रीवास्तव मूलतः कवयित्री हैं. लेकिन कई मोर्चों पर एक साथ सक्रिय रहने के कारण उसका कवि रूप इधर कुछ छिप सा गया था. उसकी नई कविताएं पढ़ते हुए ताजगी का अहसास हुआ. खासकर इसलिए भी क्योंकि ये कविताएं मेरे प्रिय लेखकों में एक निर्मल वर्मा के लेखन, उसके जादू …

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