कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »गंभीर और लोकप्रिय साहित्य के बीच कोई अंतर नहीं होता है!
हिंदी में लोकप्रिय और गंभीर साहित्य के अंतर्संबंधों को लेकर मेरा यह लेख ‘पाखी’ पत्रिका के नए अंक में प्रकाशित हुआ है- प्रभात रंजन ==================== ‘जोशीजी ने जमकर लिखने का मूड बनाने के लिए फ़ॉर्मूला 99 आजमाने की सोची. इसके अंतर्गत जोशीजी एक आध्यात्मिक, एक किसी शास्त्र-विज्ञान सम्बन्धी और एक …
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